Gujarat Ke Bare Mein Jankari Hindi Me ( About Gujarat In Hindi ) :
नमस्कार दोस्तों आज हम बार करेंगे जिसने दुनिया को महात्मा गाँधी, सरदार पटेल, डॉ. विक्रम साराभाई और नरेंद्र मोदी जैसे कई महानुभावो का परिचय कराने वाला गुजरात राज्य के बारे में जो भारत के पश्चिम में स्थित है | गुजरात की उत्तर-पश्चिम सिमा पाकिस्तान देश से साथ मिलती है, जो की आंतरराष्ट्रीय सिमा है | गुजरात की उत्तर में राजस्थान, पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य स्थित है | उसकी पश्चिम-दक्षिण सिमा पर अरब सागर है | गुजरात की राजधानी गांधीनगर है | जानते हे गुजरात के इतिहास,भाषा ,संस्कृति और त्योहारों के बारे में | information about gujarat jaise ki गुजरात के जिले, गुजरात का इतिहास , गुजरात के राजाओं के बारे मे , गुजरात की स्थापना किसने की |
गुजरात के इतिहास के बारे में (History of Gujarat)
गुजरात का इतिहास ईसवी पूर्व लगभग २,००० वर्ष पुराना है। महाभारत के समय में भगवान श्री कृष्ण मथुरा छोड़कर सौराष्ट्र में जहा आये थे, जिसे उन्होंने द्वारिका नाम दिया था | उनके बाद के वर्षों में मौर्य, गुप्त, प्रतिहार तथा अन्य अनेक राजवंशों ने यहा पर राज किया। चालुक्य (सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग था। महमूद गजनवी के जैसे लुटेरों की लूटपाट के बावजूद चालुक्य राजाओं ने यहां के लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्यान रखा। इसकी स्थापना के बाद से, गुजरात के परिदृश्य कई राजवंशों, आक्रमणकारियों और विक्रेताओं के शासकों पर शासन किया जाता है। गुजरात का अतीत पूरे देश में फैले प्राचीन और ऐतिहासिक खंडहरों से सिद्ध हुए अपने वर्तमान इलाकों का एक हिस्सा है। गुजरात के सभी राजवंश का युग स्वर्ण युग होगा, प्राचीन शहर खंडहर, महलों, किले और कब्र इस बात की साबिती देते है | गुजरात में मौर्य वंश के महान सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने बहुत प्रसिद्धि हासिल की थी उनके पौत्र राजा अशोक ने इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित किया | सम्राट अशोक की मृत्यु के बाद साका, मैत्रका, चैरा और सौलंकी आदि वंशज जिन्होंने गुजरात पर राज किया | उनके बाद महमूद गजनी से लेकर अलाउद्दीन खिलजी और अकबर तक सभी ने अपने अपने पराक्रम से ४०० साल तक गुजरात पर राज किया | उनके बाद मराठा राजा शिवाजी ने मुसलमानो को सत्ता पर से हटाकर बेघर किया | उनके बाद फिर अंग्रेजो ने यहाँ पर राज किया | आखिर १५ अगस्त १९४७ के दिन भारत स्वतंत्र हुआ, तब गुजरात द्विभाषी बम्बई राज्य के साथ जुड़ा हुआ था | १ मई, १९६० को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बम्बई को गुजरात और महाराष्ट्र दो नए राज्य में विभाजित किया |
गुजरात के बारे में कुछ जानकारी :
राजधानी –गांधीनगर
क्षेत्रफल – 1,96,024 वर्ग कि.मी.
जनसंख्या – 7,04,00,153
साक्षरता - 72.1%
कुल जिले - 33
गुजरात के जिले के बारे में जानकारी (District of Gujarat):
यह क्षेत्रफल के हिसाब से 5वां सबसे बड़ा और जनसंख्या के हिसाब से 9वां सबसे बड़ा राज्य है।
गुजरात में कुल 33 जिले हे |
1. अहमदाबाद
2. अमरेली
3. आनंद
4. अरावली
5. बनासकांठा
6. भरूच
7 . भावनगर
8. बोटाड
9. छोटा उदयपुर
10. दाहोद
11. डांग
12. देवभूमि द्वारका
13. गांधीनगर
14. गिर सोमनाथ
15. जामनगर
16. जूनागढ़
17. कच्छ
18. खेड़ा
19. महीसागर
20. मेहसाणा
21. मोरबी
22. नर्मदा
23. नवसारी
24. पंचमहल
25. पटना
26. पोरबंदर
27. राजकोट
28. साबरकांठा
29. सूरत
30. सुरेंद्रनगर
31. तापी
32. वडोदरा
33. वलसाड
गुजरात की संस्कृति के बारे में जानकारी :
गुजरात की संस्कृति में विभिन्न जातीय लोगों के रहते है,इस्लाम, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का एक सुंदर मिश्रण है जो उनकी संस्कृति को जीवंतता प्रदान करता है। गुजरात को “पश्चिमी भारत का गहना” भी कहा जाता है और यह अपनी अनूठी और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है।वे अपनी पुश्तैनी विचारधाराओं को जीवित रखना पसंद करते हैं। गुजराती हो या उनका खाना आपको दोनों ही बहुत मीठे लगेंगे. वे अपनी मीठी भाषा से अपने संबंध और नेटवर्क बनाते हैं।उनका दिमाग हमेशा बिजनेस करने के लिए दौड़ता रहता है। एक गुजराती एक जन्मजात व्यवसायी होते हे |
गुजराती गुजरात के मूल निवासियों की मातृभाषा है, लेकिन राज्य में कई अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं। गुजराती संस्कृत से प्राप्त एक इंडो-आर्यन भाषा है और दुनिया में 26 वीं सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। गुजराती में 11 अलग-अलग बोलियाँ हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में बोली जाती हैं। सुरती, काठियावाड़ी और चारोतरीमानक गुजराती, काठीयावाड़ी, खरवा, खाकरी, गामठी और पारसी बोलियाँ हैं भाषाएं भी सभी गुजरात में बोली जाती हैं। कच्छ के लोग कच्छी बोलते हैं; जबकि मेमोनी सिंधी मेमन और मुसलमानों के बीच भी बोली जाती है। मराठी, हिंदी और मारवाड़ी के आलावा यहाँ सिंधी और उर्दू भाषाए भी बोली जाती हे |
गुजरात की वेशभूषा के बारे में जानकारी (Clothes of Gujarat)
रेशमी पटोला , गुजराती संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाली वेशभूषा का एक अनिवार्य हिस्सा है। उत्सव के दौरान, विशेष रूप से नवरात्रि महोत्सव के दौरान चानिया चोली महिलाओं की प्रमुख ड्रेस है यह ब्लाउज के साथ पहनी जाने वाली एक लंबी-भारी स्कर्ट और चुन्नी नामक दुपट्टा है। इन कपड़ों पर मिरर वर्क, बीडवर्क और एम्ब्रॉयडरी होती है। गुजरातियों की पोशाक का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा उनके आभूषण हैं। वे जो गहने पहनते हैं, वे बाहर खड़े होते हैं। जंजीर, झुमके, चूड़ियाँ, चाभी के छल्ले और हार सुंदर और आकर्षक होते हैं। जबकि पुरुष खुद को सजाने के लिए सोने की जंजीरों, पगड़ी और अंगूठियों पर भरोसा करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं चांदी के धातु के गहनों का उपयोग करती हैं जो आज एक फैशन स्टेटमेंट भी है। पुरुष नवरात्रि के दौरान केडीया पोशाक के रूप में जाने जाने वाले अनोखे परिधान पहनते हैं। आभास कच्छ की महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला प्रतिनिधि पारंपरिक पहनावा है। पुरुष आमतौर पर कुर्ता और धोती पहनते हैं। इसकी ज़री-कढ़ाई के साथ घरचोला की भव्य रेशम की साड़ी और लाल बन्धनी बॉर्डर वाली सफ़ेद पैंथर साड़ी पारंपरिक दुल्हन की पोशाक है। दूसरी ओर, दूल्हे का कुर्ता जटिल कढ़ाई से सजा होता है।
गुजरात के खान-पान के बारे में (Racipe of Gujarat/Taste of Gujarat)
गुजरात का भोजन यहां की संस्कृतियों के समान जीवंत, विशिष्ट और रंगीन है। यहां पर भोजन अनूठी शैली में पकाया जाता है।गुजरात के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर गुजराती व्यंजन स्वाद में भिन्न होते हैं। इसमें से सूरत, काठियावाड़, कच्छ और उत्तरी गुजरात सबसे अलग है। यहां पर ज्यादातर शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है।उनके पारंपरिक व्यंजनों में रोटी सब्जी चावल दाल फरसान मिठाई और दोपहर के भोजन के लिए छाछ (छास एक गुजराती थाली का दिल है) शामिल हैं। उनके खाने में भाकरी या खिचड़ी-कढ़ी शामिल है। इसके साथ ही पापड़ के अचार की चटनी भी खाई जाती है| इसके अलावा ढोकला,खमण,थेपला,दाल-ढोकली ,खाखरा, फाफड़ा, कचौरी, खांडवी, हांडवो, गंठिया, औंधिया, ढेबरा, सूरती पान कई ऐसे स्वादिष्ट गुजराती व्यंजन है जिनका स्वाद आपको जरुर लेना चाहिए। उंधिया मकरसंक्राति में बनने वाला एक अलग व्यंजन हे| इसके अलावा पूरन पोली, श्रीखंड, घूघरा, मालपुआ यहां के मीठे पारंपरिक मीठे व्यंजन हैं जिनके बिना गुजरात यात्रा एकदम अधूरी होती है।
गुजरात के मेले और त्यौहार (Festival and Fairs of Gujarat)
गुजरात राज्य को मेलों और त्यौहारों की धरती के तौर पर जाना जाता है, क्योकि यहाँ हर गली, हर चौराहे पर गुजरात की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत समृद्ध है, जिन्दा है। यहाँ पर होली, दीपावली, दशहरा, मकरसंक्रांति, ईद और क्रिसमस जैसे सभी त्यौहार मनाए जाते है। इसके साथ कच्छ महोत्सव, पतंगोत्सव, मोधेरा और भद्र पूर्णिमा के महोत्सव भी मनाए जाते है। कई जगहों यहाँ के सभी त्योहारों और अवसर में नृत्य - संगीत के साथ मनाये जाते है। यहाँ का लोकप्रिय नृत्य गरबा दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। राज्य के पतंगबाजी और नवरात्रि के दौरान डांडिया उत्सव देश विदेश में सुप्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। गुजरात में भगवान शिव की स्तुति में लगने वाला तरणेतर का मेला, कृष्ण - रुक्मणि विवाह के सन्दर्भ में लगने वाला माधवराय मेला, मां अंबा को समर्पित अंबाजी मेला और गुजरात का सबसे बड़ा मेला जो भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन जन्माष्टमी के दिन डाकोर और द्वारका में आयोजित होता है वो जग प्रसिद्ध है। देश विदेश से भी लोग इन अवसरों का लाभ लेने के लिए आते है। खंबावती, टोडी, लाटी और सौराठी जैसे राग गुजरात की ही दुनियाभर को दें है।
गुजरात के उद्योग और व्यापार के बारे में (Business of Gujarat)
गुजरात का मुख्य शहर अहमदाबाद (राज्य का प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र) है | कपास, तम्बाकू, मूंगफली जैसे पाक का उत्पादन करता है, जो ऐसे पाको का उत्पादन करनेवाला भारत का प्रमुख राज्य है। यहाँ की अन्य महत्वपूर्ण नकदी फसलें हैं - इसबगोल, धान, गेहूँ और बाजरा। सागौन, खैर, हलदरियो, सादाद और बांस जैसी वृक्षों की जातीया भी यहाँ पाई जाती है। राज्य में भूतलीय जल तथा भूमिगत जल द्वारा कुल सिंचाई क्षमता 64.88 लाख हेक्टेयर आंकी गई है जिसमें सरदार सरोवर (नर्मदा) परियोजना की 17.92 लाख हेक्टेयर की क्षमता है। इसके साथ साथ रसायन, पेट्रो-रसायन, उर्वरक, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि उद्योगों का विकास भी हो रहा है।
गुजरात राज्य सड़क - परिवहन के मामले काफी विकसित है। राज्य में 2007-08 के अंत तक सड़कों की कुल लंबाई (गैर योजना, सामुदायिक, शहरी और परियोजना सड़कों के अलावा) लगभग 74,112 किलोमीटर थी।17 हवाई अड्डों के साथ, गुजरात में किसी भी अन्य भारतीय राज्य की तुलना में सबसे अधिक हवाई अड्डे हैं। हवाई परिवहन की बात करे तो राज्य के महानगर अहमदाबाद में स्थित अन्तरराष्ट्रीय हवाई मथक से मुम्बई, दिल्ली और अन्य नगरों के लिए दैनिक विमान सेवा भी उपलब्ध है। इसके आलावा यहाँ वड़ोदरा, भावनगर, भुज, सूरत, जामनगर और राजकोट में भी घरेलु हवाई मथक है | रेलवे परिवहन का यहाँ बड़ा नेटवर्क है। गुजरात भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे ज़ोन में पड़ता है। वडोदरा जंक्शन गुजरात का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। यहाँ से हर रोज १५० से भी ज्यादा ट्रेन पसार होती है। भारत के लगभग हर एक कोने में जाने के लिए यहां वडोदरा जंक्शन से ट्रेन उपलब्ध होती है। गुजरात में कुल 41 बंदरगाह हैं। उनमे से कंडला गुजरात राज्य का प्रमुख बंदरगाह है। साल 2009-10 के दौरान गुजरात के मंझोले और छोटे बंदरगाहों से कुल 2055.40 लाख टन माल ढोया गया, जबकि अकेले कंडला बंदरगाह से 795 लाख टन माल ढ़ोया गया। वर्तमान में यह आंकड़ा और अधिक है।
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गुजरात में घूमने की जगह (Best Place of Gujarat for Visit)
जूनागढ़ में गिरनार पर्वत,अशोक के शिलालेख,भवनाथ,दामोदर कुंड,दातार हिल,विलिंग्डन डेम,उपरकोट किला,साइन्स म्यूज़ीयम,शक्करबाग प्राणि संग्रहालय,मोहब्बत मकबरा,जामा मस्जिद, दरबार हॉल म्यूज़ीयम,मोती बाग,स्वामीनारायण मंदिर,सूरज फन वर्ल्ड घूमने की जगह हे |
राजकोट में घूमने के लिए खंभालिदा गुफाएं ,काबा गांधी नो डेलो, प्रद्युम्न जूलॉजिकल पार्क,रंजीत विलास पैलेस,गोंडल ,जगत मंदिर ,स्वामीनारायण मंदिर,लालपारी झील ,वॉटसन संग्रहालय ,रोटरी डॉल म्यूजियम ,अनलगढ़ हिल जैसी जगह हे |
राज्य में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी, चोटिला, उंझा, भद्रेश्वर, शामलाजी, तरंगा टेम्पल, गिरनार जैसे धार्मिक स्थलों है| पुरातत्व और वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय पाटण, सिद्धपुर, घुरनली, दभाई, वड़नगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्थान भी है। अहमदपुर मांडवी, चोरवाड़, और तीथल के सुंदर तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्थल, गिर वनों में शेरों का अभयारण्य है | कच्छ में जंगली गधों का अभयारण्य भी है | गुजरात हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र है। गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल में सतपुड़ा की पहाड़ियां, मांडवी बीच, सोमनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, मोधेरा का सूर्य मंदिर तथा कच्छ तथा भुज है |
गुजरात शराब की बिक्री को प्रतिबंधित करने वाले भारतीय राज्यों बिहार और नागालैंड में से एक है। सबसे कम अपराधों के साथ गुजरात भारत का सबसे सुरक्षित राज्य है।
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